अनंत आकाश में उड़ते हुए स्वछंद पंछियों के झुंड में शामिल एक नया पंछी .....जो अनुभूति रखता है इंसानियत के ,मानवता के मूल्यों की ,जो न सिर्फ कागज पर उतारता है ......अपने और दूसरों के भावों को ,दर्दों को बल्कि रंगों की दुनिया में ले जाता है उन भावनाओं को और चित्रित भी करता है !
मंगलवार 10 अगस्त को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है .कृपया वहाँ आ कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ....आपकी अभिव्यक्ति ही हमारी प्रेरणा है ... आभार
Jaise zubanki baat chheen lee aapne!
ReplyDeleteबहुत भाव पूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeletesunder abhivyakti
ReplyDeletebadhiya bhaoorn rachana...
ReplyDeletegreat inspirational writing.
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteबडी गहरी बात कह दी।
ReplyDelete"shabd" ke sammaan mei
ReplyDeletekeh di gayi sammaan-janak baat . . .
abhivaadan .
bhut hi achchca likha hai aapne.. bhut ghara aur phir bhi bhut spashat.
ReplyDeleteमंगलवार 10 अगस्त को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है .कृपया वहाँ आ कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ....आपकी अभिव्यक्ति ही हमारी प्रेरणा है ... आभार
ReplyDeletehttp://charchamanch.blogspot.com/
आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया
ReplyDeletehttp://charchamanch.blogspot.com/2010/08/241.html
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