Wednesday, August 15, 2012

ठहरा हुआ पानी




ठहरे हुए पानी में , हर चीज ठहर जाती है
ठहरे हुए पानी में , परछाईँ नजर आती है !

           ठहरे हुए पानी में , वो चाँद नजर आता है
           तन्हाई से घबरा कर , जो पानीमें छुप जाता है  !

कभी कभी मिलता है , पल भर के लिए कोई हमें
पर उसकी याद हमें , उम्र भर रह जाती है  !

         चाँद के ना होने का , क्यों रात से हम शिकवा करें
         बस एक सितारा भी हो , तो रात हँस के गुजर जाती है !


10 comments:

  1. Behad sundar rachana...afsos ki kayee baar ek sitara bhee naseeb nahee hota.

    ReplyDelete
  2. आज 16/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (संगीता स्वरूप जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

    ReplyDelete
  3. वाह...

    एक सितारा भी हो तो,रात गुजर जाती है.....
    बहुत सुन्दर ..

    अनु

    ReplyDelete
  4. शुक्रिया , बहुत-बहुत शुक्रिया ...!!

    ReplyDelete
  5. अंतिम दोनों पंक्तियाँ सबसे ज्यादा छू गईं ..........

    ReplyDelete