अनंत आकाश में उड़ते हुए स्वछंद पंछियों के झुंड में शामिल एक नया पंछी .....जो अनुभूति रखता है इंसानियत के ,मानवता के मूल्यों की ,जो न सिर्फ कागज पर उतारता है ......अपने और दूसरों के भावों को ,दर्दों को बल्कि रंगों की दुनिया में ले जाता है उन भावनाओं को और चित्रित भी करता है !
चर्चा मंच पर रोज ही कुछ चुनी हुई पोस्ट को दिया जाता है ..जिसके माध्यम से लोग उस ब्लॉग तक पहुंचाते हैं .....मंगलवार को साप्ताहिक काव्य मंच का आयोजन होता है ...जिसमें सप्ताह में अच्छी चुनी हुई पोस्ट कविताएँ ली जाति हैं और कुछ नए लोगों की अच्छी कविताओं को चुन कर लिया जाता है ....इस साप्ताहिक मंच को सजाने की ज़िम्मेदारी मेरी है ...मैंने आपकी रचना का चुनाव किया है ....आज का लिंक मैं भेज रही हूँ .....आप अपनी प्रतिक्रिया से अनुगृहित करें ..
Uf!Uf!
ReplyDeleteपरिस्थितियों की लाचारी को बखूबी प्रस्तुत किया है आपने!!
ReplyDeletemy God! what a creation.
ReplyDeleteथोड़े शब्दों में बहुत कुछ कह दिया.
ReplyDeleteअनीता जी ,
ReplyDeleteचर्चा मंच पर रोज ही कुछ चुनी हुई पोस्ट को दिया जाता है ..जिसके माध्यम से लोग उस ब्लॉग तक पहुंचाते हैं .....मंगलवार को साप्ताहिक काव्य मंच का आयोजन होता है ...जिसमें सप्ताह में अच्छी चुनी हुई पोस्ट कविताएँ ली जाति हैं और कुछ नए लोगों की अच्छी कविताओं को चुन कर लिया जाता है ....इस साप्ताहिक मंच को सजाने की ज़िम्मेदारी मेरी है ...मैंने आपकी रचना का चुनाव किया है ....आज का लिंक मैं भेज रही हूँ .....आप अपनी प्रतिक्रिया से अनुगृहित करें ..
http://charchamanch.blogspot.com/2010/08/241.html