Thursday, August 19, 2010

पहला दीपक

गौधूलि की बेला में
जब
पहला दीपक जलता है
धड.कन हो जातीं क्यों बेकाबू
मन कहीं और
मचलता है ।
वो हाथ कहाँ
जिनसे पोंछूँ
मैं बहती आँखों के आँसू
वो बात कहाँ?
वो रात कहाँ?
बस तिल - तिल
मुरझाए गेसू ।

3 comments:

  1. एक अच्छी रचना जो दिल को छू गयी बहुत बहुत बधाई

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