Sunday, November 11, 2012

शुभ दीपावली

                                                                     

माटी के दीपक ने खुशबू बिखेरी
जाग उठी  मावस की रात अँधेरी
चौबारे पर लग रहा  मोहक  कंदील
महक उठा आंगन और  सज गई देहरी



माँ ने घर लीपा है माड रही मांडने
कहीं पर सतिये धरे , कहीं रखें बुंदने
बाबूजी लाये हैं खील और बताशे
चौखट  पर हमने  टांग दिए फुंदने

दीवाली की शुभकामनायें ....

3 comments:

  1. खूबसूरत प्रस्तुति

    मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ

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  2. सबको यह दीवाली शुभ हो।

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