Friday, December 3, 2010



  मासूम चाहत

जब बादल नभ पर छाते हैं

जब  शबनम नगमें गाती है

जब बगुले पांत में उड.ते हैं

जब फूल  शूल में खिलते हैं

जब धानी चुनरी उड.ती है

जब पवन संदेशा लाती है 

जब पायल रुन - झुन करती है

जब झूला पींगे भरता है

तब दिल हौले से कहता है

 काश ! यहाँ तुम भी होते ,

 काश ! यहाँ तुम भी होते ।




































8 comments:

  1. बहुत सुंदर भाव लिए कविता।

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  2. बहुत खूबसूरत रचना ।

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  3. जितनी सुंदर कविता उतनी ही सुंदर तस्वीर। तस्वीर पर तो देर तक नजर टिकाए रहा, आप ही की है न? कविता के लिए आपको और तस्वीर के लिए खींचने वाले को बधाई।

    सोमेश
    शब्द साधना

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  4. बहुत सुंदर भाव लिए कविता।

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  5. अतिसुन्दर भावाव्यक्ति , बधाई के पात्र है

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  6. komal, madhur भावुक atisundar premabhivyakti ... !!!

    मन moh liya aapkee इस sundar pravaahmayi रचना ne..

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