ठहरे हुए पानी में , हर चीज ठहर जाती है
ठहरे हुए पानी में , परछाईँ नजर आती है !
ठहरे हुए पानी में , वो चाँद नजर आता है
तन्हाई से घबरा कर , जो पानीमें छुप जाता है !
कभी कभी मिलता है , पल भर के लिए कोई हमें
पर उसकी याद हमें , उम्र भर रह जाती है !
चाँद के ना होने का , क्यों रात से हम शिकवा करें
बस एक सितारा भी हो , तो रात हँस के गुजर जाती है !
Behad sundar rachana...afsos ki kayee baar ek sitara bhee naseeb nahee hota.
ReplyDeleteआज 16/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (संगीता स्वरूप जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
ReplyDeleteवाह...
ReplyDeleteएक सितारा भी हो तो,रात गुजर जाती है.....
बहुत सुन्दर ..
अनु
शुक्रिया , बहुत-बहुत शुक्रिया ...!!
ReplyDeleteअंतिम दोनों पंक्तियाँ सबसे ज्यादा छू गईं ..........
ReplyDeleteachhi kavita
ReplyDeletebahut sundar rachna dil ko chu gayi
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteवाह, बहुत ही सुन्दर..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ....
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