नव वर्ष के सूरज ने जब
अपनी आंखें खोलीं
दूर क्षितिज पर थिरक उठीं तब
नन्हीं किरणे भोली
पीपल के पत्तों पर मचलीं
मोती बन कर नीचे फिसलीं
अंजुर में भर कर वह मोती
मॉंग रहे हम आज दुआएं
मंगलमय हो वर्ष आपका
बना रहे यह हर्ष आपका
2011
नव वर्ष की आपको और आपके पूरे परिवार को हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteअनीता जी आपको एवं आपके परिजनों व मित्रों को नववर्ष 2011 की मंगलकामनाएं।
ReplyDeleteरेखांकन बहुत सुंदर है।
बढ़िया लगी कविता, आपको नव वर्ष की बहुत-बहुत बधाई ।
ReplyDeleteकविता बहुत अच्छी लगी...।
ReplyDeleteआपको भी नव-दशक की शुभकामनाएं।
मर्मस्थल तक पहुँच गए ये सुन्दर शब्द भाव...
ReplyDeleteमनोहर रचना...
मंगलकारी शुभकामना फलदायी हो,यही पार्थना है ईश्वर से...
बहुत दिन बाद आ सकी। लेकिन साल अभी भी नया ही है। आपको नववर्षकी सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत पसन्द आया
ReplyDeleteहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ.
बहुत प्रेरणा देती हुई सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !!
Happy Republic Day.........Jai HIND