Thursday, December 23, 2010




रात बहुत ठंड थी
चाँद को पड़ गए पाले
धरा ने जला कर
सूरज का अलाव
उसके  हाथ सेंक डाले ।

5 comments:

  1. सूरज का अलाव...

    वाह, कितनी सुंदर कल्पना है।
    बहुत प्यारी और नरम-गरम सी कविता।

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  2. क्रिसमस की शांति उल्लास और मेलप्रेम के
    आशीषमय उजास से
    आलोकित हो जीवन की हर दिशा
    क्रिसमस के आनंद से सुवासित हो
    जीवन का हर पथ.

    आपको सपरिवार क्रिसमस की ढेरों शुभ कामनाएं

    सादर
    डोरोथी

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  3. वाह वाह, क्या बात है.
    आपकी इस छोटी सी रचना ने मन मोह लिया.

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  4. नव वर्ष 2011
    आपके एवं आपके परिवार के लिए
    सुखकर, समृद्धिशाली एवं
    मंगलकारी हो...
    ।।शुभकामनाएं।।

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  5. अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
    तय हो सफ़र इस नए बरस का
    प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
    सुवासित हो हर पल जीवन का
    मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
    करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
    शांति उल्लास की
    आप पर और आपके प्रियजनो पर.

    आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर,
    डोरोथी.

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